Thursday 2 August 2012

अहसास !!

जिन्दगी इतनी
मुश्किल
तो नहीं है
फिर भी
कभी डरती है
अपने
इरादों से

आज जो है
कल होगा
या नहीं
जिसे
अपना कहूँ
वो कल
खोएगा तो नहीं

अकेली हूँ
पर
शिकायत नहीं है
तुझसे
बस डर है
कि
मेरी वजह से
अकेला
ना रह जाए
तू सबसे

कितनी
आवाजें हैं
चारों तरफ
मेरे
तेरी आवाज
इसमें
कहीं खोए
तो नहीं

कैसा ये
अहसास है
खोया है
या
पाया है
इस
कशमकश में
जीना भी
क्या जीना है ...





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